बहुत कुछ कठिनाई से मिला।
बहुत कुछ आसानी से मिला।।
कुछ ललक आज भी बाकी।
जिसके पीछे छिपाई गई गिला।।
अब कोशिश चल रही उसी की।
डगर बाकी और उसका सिला।।
नया अध्याय जोड़ा गया 'उपदेश'।
मेहनत लगेगी तब कहीँ होगा भला।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद