अश्क पलकों में छुपा कर जितना भी मुस्कुराओ
चेहरे ग़मगीन नजर आ हीं जाते हैं
मंजिल पाने की हो चाहत तो बढ़ते चलो
शिद्दत हो तो चट्टानों में भी रास्ते बन हीं जाते हैं
ख़ुदकुशी का ख्याल भी न कभी आए किसी के दिल में
जीने का एक रास्ता बंद हो तो दुसरे खुल हीं जाते हैं
इस ज़माने में कोई बेवज़ह कोई किसी को याद करता नहीं
मगर अब भी कुछ इंसानियत के फ़रिश्ते हैं जो याद आ हीं जाते हैं