खुश रहिए
संतुष्ट रहिए
सपनों को हक़ीक़त करिए
मिटाकर हर विकार
जीवन को दीजिए आकार।
विविधताओं को करिए स्वीकार।
हर गलत का करिए प्रतिकार।
चाहे कोई भी हो बात
बदलिए मत अपनी व्यवहार।
रहिए संस्कारों में
उन्मुक्त फिरभी लोक लाजों में।
मत भूलिए की जीवन की राहें
बहुत लंबी है ..
क्यों हैं ये राहें ये वो रब हीं जानता होगा।
बस अपना काम तो चलना है।
शाम शहर तक चलना है।
बस चलते हीं रहना है।
जितनी भी सांसें हैं
वही तो जीने की आसें हैं।
बस इन सांसों को संजोईये
और जब तक है जान
बढ़ते रहिए।
चलते रहिए।
चलना हीं जिंदगी है।
बढ़ना हीं जिंदगी है ।
बस उड़ते चलिए
सबको संग।
लेके दिल में उमंग।
है ये जिंदगी तरंग।
इसमें सात सुरों को पिरोईए ।
इसलिए चाहे कोई भी हो बात
चाहे जो भी हो जज़्बात
बस हंसते रहिए।
बस गाते रहिए।
खुश रहने के लिए कोई
स्पेशल दिन नहीं होता है,
बल्कि स्पेशल आदमी का दिल होता है।
स्पेशल दिन नहीं स्पेशल दिल होता है।
बस दिल को बड़ा कीजिए और खुश रहिए।
ये जिंदगी के पल तो यूहीं कट जायेंगें
बस हंसते रहिए
खिलखिलाते रहिए
बस हंसते रहिए..
खिलखिलाते रहिए...