चिड़िया रानी
चिड़िया रानी आई पेड़ पर,
चूं-चूं बोली, बैठी घर पर।
तिनका लायी, घोंसला सारा,
अपना घर है सबसे प्यारा।
सूरज चमका
सूरज आया चम-चम कर,
हमें जगाने रोज़ सहर।
किरणों की वो लाली लाई,
दिन की पहली घंटी बजाई।
बारिश आई
छम-छम करती आई बारिश,
धरती बोली – आई फरिश।
नाचे मोर, भीगे पत्ते,
सबके मन में खुशियाँ घुसें।
इंद्रधनुष
आसमान में रंगों की रेल,
इंद्रधनुष की निकली बेल।
लाल, पीला, नीला, हरा,
सबको भाया यह नज़ारा।
चंदा मामा
चंदा मामा गोल-गोल,
दिखते जैसे रोटी-टोल।
नीचे देखो, ऊपर जाओ,
मामा चुपके मुस्कराओ।
- ललित दाधीच।।