तिरंगा शान,
भारतमाता तेरा,
सियासी मान !
आजाद देश,
जहरीली हवाएं,
सियासी खेल !
स्वराज तंत्र,
औपचारिक मंत्र,
सत्ता जंतर !
हौंसला छेक,
खुशहाल चंदेक,
शांति या हेक ?
सियासी मौन,
टूटती मर्यादाएं ,
राजश्री गौण !
ब्रिटिश फूट ,
राज तक सीमित,
आजादी द्वेष !
अरे तिरंगे ,
लिटा दे शमशान,
हैं जो लफंगे !
भारतमाता,
सद्बुद्धि दे , आजादी
रहे कायम !
ना समझे तो,
गुलामी की जंजीरे,
अभेदनीय !
अपनाइए,
हिंदोस्तानी संस्कृति,
मानवीयता !
प्रेम के बीज,
आपसी भाईचारा,
अटूट देश !
सही आजादी,
झोंपड़ी से महल,
सभी खुश हों !
ईश्वर रखे,
ये आन वान शान ,
भारत महान् !
🖊️ राजेश कुमार कौशल