अयोध्या धाम
बिना फूलों के सज गया है आँगन
बिना ख़ुशबू के महक रहीं हैं हवाएँ
बिना दीपावली के जगमगा रहा है देश
दीपों की रोशनी से फीकी पड़ गई चाँदनी
हर गली,हर घर,हर गाँव,हर शहर गूँज उठा
जाति-भेद भूल,हो गए सब राम मगन
कौन कहता है,आज धर्म जिन्दा नहीं
धर्म कहता है,मैं कहीं गया ही नहीं
कान लगा कर सुनो हर दिल का शोर
हर भीड़ से राम नाम की धुन सुनाई देती है
घर-घर जय श्री राम का झंडा लहरा गया
पूरा देश ही आज मेरा अयोध्या धाम बन गया।
----वन्दना सूद