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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

और तुम – कमलकांत घिरी

अकेला, तन्हा, सुना–सुना सा मैं,
और तुम महफिलों से भरी !
कंटीला, बेनूर, झुका– झुका सा मैं,
और तुम खुशबू बहारों से भरी !
दिन के कोरे आसमां सा मैं,
और तुम चांदनी, सितारों से भरी !
अमावस की रात के अंधेरे सा मैं,
और तुम पूनम उजालों से भरी !
तीखा, बेस्वाद, खारा–खारा सा मैं,
और तुम स्वाद की मीठी प्यालों से भरी !
ठहरा, थमा, रुका–रुका सा मैं,
और तुम सरिता की बहती धारों से भरी !
डूबता, फिसलता, बहता– बहता सा मैं,
और तुम साहिल किनारों से भरी !
जलता, जलाता, अगन–अगन सा मैं,
और तुम बरखा की ठंडी फुहारों से भरी !
टूटता, बिखरता, पृथक–पृथक सा मैं,
और तुम बिखरों को समेटती सहारों से भरी!
अबूझ, अनभिज्ञ, निःशब्द, निरक्षर सा मैं,
और तुम अक्षरों से बनी किताबों से भरी।।

----कमलकांत घिरी, मनकी, मुंगेली, छत्तीसगढ़।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

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Bhushan Saahu said

Bahut sundar lekhan...jab aapki kalam chalti ha kamal krti ha. Keep it up

कमलकांत घिरी replied

बहुत बहुत शुक्रिया सर जी🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

कमलकांत भाई रोजाना इतनी अच्छी रचनाए लिखते हैं आप कि मेरे लिए आपकी रचनाओं की तारीफ़ करना दिनो दिन बहुत मुश्किल होता जा रहा है अब आज की रचना कितनी ज्यादा खूबसूरत है ये मैं बयां नहीं कर सकती इसलिए आपकी रचनाओं की तारीफ में मैंने आज एक नज़्म लिखी है जिसका शीर्षक है "आपकी लेखनी" ये आपको कल यही likhantu पर ही मिलेगी। पढ़ना और बताना कैसी लगी आपकी नज्मों और गजलों पर लिखी मेरी ये नज़्म🙏

कमलकांत घिरी replied

आपका तहे दिल से धन्यवाद रीना दीदी जो आपको मेरी रचना इतनी पसंद आई, मैं इस likhantu.com का भी शुक्रगुजार हूं कि यहां मुझे आप जैसी प्रशंसक मिली। आपने जो नज़्म लिखी है वो मैं कल जरूर पढूंगा दीदी आपका एक बार फिर से दिल से धन्यवाद🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut khoob Kant Sir👏👏👏

कमलकांत घिरी replied

बहुत शुक्रिया आर्द्र सर जी आपका 🙏

Lekhram Yadav said

कमलकांत भाई आप में इतनी सारी खूबियां हैं ये तो हमें आज ही पता चला। एक विनती है आपसे बस इन्हें सीने से लगा कर आगे बढ़ते रहना, कामयाबी आपके कदम चमेली एक दिन।

कमलकांत घिरी replied

आपका बहुत बहुत शुक्रिया सर जी,🙏 हम इसे अपने सीने से जरूर लगाकर रखेंगे🙏

ताज मोहम्मद said

बहुत ही लाज़वाब रचना। सच में जैसा सबने कहा बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरे पास इस रचना की तारीफ को अल्फाज़ नहीं है। बहुत ही खास बहुत ही शानदार लिखा आपने।

कमलकांत घिरी replied

बहुत बहुत शुक्रिया सर जी आपका🙏🙏

Jivani Sharma said

Bahut sundar ....itna behatrin sabdo ka chayan or mel jole kabile taarif hai. One of the best poem i have read ever.

कमलकांत घिरी replied

Thank you sir🙏 आपकी समीक्षा पाकर हमें बहुत प्रसन्नता हुई, आशा है आप अपनी समीक्षाओं से हमें इसी तरह कृतार्थ करें रहेंगे🙏🙏

Sanjay Srivastva said

उम्दा संकलन कमलकांत जी 👌

कमलकांत घिरी replied

धन्यवाद सर जी🙏

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