मैंने हर बात मेरे यार,
तेरी मानी है,
ये मेरा प्यार है या,
मेरी नादानी है।
गुलों के बीच में रहा,
फिर भी भटका नहीं,
मेरे मौला ये तेरी,
ख़ूब मेहरबानी है।
आ भी जाओ कि अब,
दिल ये संभलता नहीं।
आठों ही पहर,
करता ये मनमानी है।
तेरी यादें मुझे बेहद,
सुकून देती हैं,
मेरे पास बस यही,
एक ही निशानी है।
शीघ्र आएगी घड़ी वस्ल की,
यकीं मुझको,
सतरंगी ख़्वाब हैं, निगाहें,
आसमानी हैं।
तेरी संगत का हुआ है,
यूँ असर मुझपे,
मन मेरा स्याम अब्र सा,
और दिल धानी है।
----हीरा मिथिलेश

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




