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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

अम्मा... मुझको भी स्कूल में पढ़ने जाना है-ताज मोहम्मद

अम्मा...
मुझको भी स्कूल में पढ़ने जाना है !!
पिता जी से कह दो मेरा भी...
दाखिला विद्यालय में करवाना है !!

मैं भी पढ़ लिखकर,
बाबा का नाम रौशन करूंगी !!
किसी भी मामले में,
पिता को ना शर्मिंदा करूंगी !!

भैया जैसा,
मेरा भी हृदय करता है शाम को पढ़ने बैठूँ।।
अब पिताजी,
मैं इसके लिए बोलो क्या कुछ कर दूं।।

खूब परिश्रम करके...
पिताजी की पहचान बनाना है !!
अम्मा...
मुझको भी स्कूल में पढ़ने जाना है !!

क्यों ईश्वर तेरी सृष्टि में,
कन्या का होता यह अपमान है !!
कुछ भी करले महिला,
होता वह सब निष्काम है !!

मानव समझे हमको क्यों बस अपने भोग की चीज हमेशा।।
गिद्ध नजर है बन जाती है उसकी गर दिख जाए मेरा तन खुला ज़रा सा।।

प्रेम मिले ना घर में मुझको,
निकलूँ घर से बाहर मैं कैसे !!
अम्मा समझाओ बाबा को,
पढ़ लूं स्वयं से मैं कैसे !!

तेरी परछाई हूँ माँ मैं...
बस बाबा का मान मुझे बन जाना है !!
अम्मा...
मुझको भी स्कूल में पढ़ने जाना है !!

दूर गगन मे उड़कर आऊं मेरा भी मन करता है।।
अपने पैसों से पिताजी का हाथ ये मेरी इच्छा है।।

शायद यह सब मैं स्वयं से कर लूंगी यदि मुझको भी विद्यालय भेजा जाएगा।।
यह समाज मुझको जब अपनी घर की बिटिया जैसी इज्जत सबसे दिलवाएगा।।

वेद ग्रँथों में...
तुम औरत का देवी रुप में वर्णन पाओगे।।
हे पुरुष झूठे सम्मान की ख़ातिर तुम...
कब तक मुझको स्वयं के समान ना मानोगे।।

मुझको कन्या रहकर ही...
अपने पिता से बेटों सा सम्मान पाना है !!
अम्मा...
मुझको भी स्कूल में पढ़ने जाना है !!

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

रमेश चंद्र said

बेहतरीन अभिव्यक्ति शिक्षा पर सबका हक है चाहे बेटा हो या बेटी हमें दोनों को एक समान समझना चाहिए

ताज मोहम्मद replied

आपका तहे दिलसे शुक्रिया भाई जी।

Bhushan Saahu said

आज भी हमारे समाज में ऐसे लोग हैं जो बेटा और बेटी में फर्क समझते हैं जबकि बेटियां बहुत प्यारी होती है

ताज मोहम्मद replied

जन्नत की कुंजी है बेटियां। शुक्रिया साहू जी।

Vineet Garg said

Wow... Goosebumps poem 😔😔👏

ताज मोहम्मद replied

Thanks

वन्दना सूद said

बहुत बढ़िया message👏👏

ताज मोहम्मद replied

धन्यवाद।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

उत्तम बहुत सुन्दर प्रसंग और उसका सन्देश बहुत उम्दा तरीके से "कन्या" बालिकाएं जिनके साथ समाज में या तो माता पिता द्वारा या समाज के द्वारा भेदभाव किया जाता है बयां किया, गिद्ध की नजरों वाली कड़ी ने तो सच में "लड़का" पैदा होने के ऊपर सवाल खड़ा किया है...कुल मिलाकर भावविभोर कर दिया एक अच्छे सन्देश के साथ

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया आपकी इस महत्वपूर्ण समीक्षा के लिखे।

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