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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

एक-एक तिनका जोड़

एक-एक तिनका जोड़ के लाई,
नन्ही चिड़िया घोंसला बनायी
ना कश्ती थी, ना कोई किनारा,
फिर भी मन में उम्मीदों का सहारा।

साँझ-सवेरे उड़ती जाती,
जहाँ से भी कुछ मिल पाता – लाती।
सूखा तिनका, टूटी डाली,
हर चीज़ में उसने खुशियाँ डाली।

धूप में तपती, बरसात सहती,
पर अपने घर को सबसे कहती –
“ये मेरा है, मैंने बनाया,
प्यार से एक-एक कोना सजाया।”

पर इक दिन आया ज़ोर का तूफ़ान,
बिखर गया उसका सारा जहान।
किसी ने हँसकर कहा –
“अरे! क्या था इसमें?
बस तिनके थे,
उड़ गए ज़रा सी हवा में!”

चिड़िया बैठी, पलकों में नमी,
फिर भी थी उसके मन में कमी नहीं।
फिर से उड़ चली नयी सुबह में,
वही हौसला, वही चुप्पी लब में

घोंसले टूटते हैं बार-बार,
पर हिम्मत ना हो कभी लाचार।
सपनों को फिर से बुनना सीख,
यही है असली जीवन की सीख।”




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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Kantilal Babulal Sopariwala said

bahot sundr

Kantilal Babulal Sopariwala said

मौन भी सुना करता हे शब्दों को शब्द जब थक जाते हे
तो मौन को भी पीघलना पड़ता हे अपनों से
आपकी लेखनी को प्रणाम करते हे [बहोत सुंदर]

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