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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आज वो बदल गई

आज उससे बात करके बहुत हँसी आ रही है,
कुछ वक्त पहले उसकी बातों से मैंने उसे
मेरे जैसा समझ लिया था
पर आज वो कुछ और निकली हैं।
एक अरसे पहले उसने मुझे कुछ कहा था,
दिल उस बात को मानने के लिए तैयार ना था
पर शायद लगाकर इस दिल ने उस बात को मान लिया था।

एक अरसे पहले मैंने भी उसकी भलाई के लिए
उससे कुछ कहा था,
पर उसने कहा ये मेरे लिए ठीक नहीं है।
आज जब वक्त मेरा आया
जहां वो खड़ी थी उस वक्त,
वहां आज मैं खड़ी हूॅं
और जहां मैं खड़ी थी उस वक्त वहां आज वो खड़ी है।

जो मैंने उस वक्त उसे समझाया था
आज वो मुझे समझा रही थी। उस वक्त उसने कहा था ये मेरे लिए ठीक नहीं है।
आज मैंने कहा ये मेरे लिए ठीक नहीं है।
बदल गई वो नादान और कहने लगी यही तो ठीक है

जब मैंने उसे समझाया तो ना समझी,
और आज जब वक्त मेरा आया तो मुझे समझाने लगी।
एक अरसे पहले जब उसने मुझसे कुछ कहा था
तो मैं हैरान थी,
अच्छा ये भी है मेरे जैसी।

पर आज पता चला इस दुनिया में मेरे जैसा तो कोई नहीं,
सबकी सोच एक है इस दुनियां में
मेरी सोच वाला तो कोई नहीं।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️











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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Lekhram Yadav said

अति सुन्दर कविता, सुप्रभात मेरी प्यारी बहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏 आभार प्रणाम

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Ati sundar bahut khoob Mam, 🙏🙏 Pranam

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद प्रणाम 🙏

Maahi Singh said

Jab bat apne pr aati ha to logo ko lgta ha ki ham jo kh rhe hain ham jo kr rhe hain bo sahi ha. Lekin agr bahi kam koi dusra krta ha to smjhane chle aate hai bahi 4 log ki ye to glt ha ase nahi ase kro. Are ab ye dogale kha se aaye. Isly jo aapka man kre jiske liye aapka dil gawahi de ki ye thik ha bo kriye. Agr bad m bo glt hua or pachatana bhi pda to koi jyda dukh nahi hoga.

रीना कुमारी प्रजापत replied

बिल्कुल सही कहा माही सिंह जी आपने, हम बिल्कुल वही कर रहे है जो हमारा दिल कह रहा है हम किसी की बातों पर ध्यान ही नहीं देते कोई कहता भी है कि ये करो तो मुस्कुरा देते हैं और हां हां हां कर देते हैं ताकि सामने वाले को भी बुरा ना लगे और फिर करती वही हूं जो मुझे करना है...

Prachi said

Ye to dastur hai dunia ka. Smjhane sab aa jate hain smjhna koi nahi chahta.

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🙏

Vadigi.aruna said

अति सुंदर रीना जी

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks Aruna ji

वन्दना सूद said

सुन्दर प्रस्तुति 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका

श्रेयसी said

Bahut khoob 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

धन्यवाद!

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