सत्य से निगाहें.......
सत्य से निगाहें चुरा नहीं सकतें
झूठ पे जीवन खिला नहीं करतें
पाप पुकारें एक दिन तो
कर्मो से मुहँ मोड़ नहीं सकतें
सत्य से निगाहें चुरा नहीं सकतें
झूठ पे जीवन खिला नहीं करतें….
सहारा बन के ख़ुद को सवारों
सत्य जो है उसे स्वीकारों
अमीरी–गरीबी, ऊंच-नीच छोड़ो
राख होना तय है सत्य को जानो
सत्य से निगाहें चुरा नहीं सकतें
झूठ पे जीवन खिला नहीं करतें….
विश्वमें विश्वास बङा है
क़ीमत जान भाव न करों
थोड़ा-सा है जीवन, बर्बाद न करों
धोखा करें तो अंतमें वो ही मिले
सत्य वचन सच है ठरे….
सत्य से निगाहें चुरा नहीं सकतें
झूठ पे जीवन खिला नहीं करतें……