पुराने कपड़ो में लिपटा तू
फटे जूतें, बिन मौजे वाला तू
होगा कभी यकीन तेरा भी
कितना सोचता है तू
यकीन उनका होता है
बदन पे जिनके कपड़ा
महंगा होता है ,
सत्ता के गलियारों से
जिनका कोई नाता होता है
यकीन का सत्ता से अटूट
रिश्ता होता है ,
तेरी फरियादें सुनेगा कौन
खाली जेब में कुछ धुल
कुछ राख़ रखा कर
तेरा यही होगा हश्र
तू कुछ तो यकीन कर