तुम्हारे बिना कल हमारी दीवारें कुछ खाली-सी लगती हैं, पर तुम्हारी यादें हर कोने में एक नाज़ुक रोशनी की तरह जगी हुई हैं। आज मैं, तुम्हारी पत्नी, ये शब्द तुम्हें समर्पित कर रही हूँ — उन तमाम लम्हों का शुक्रिया जो तुमने मुझे दिए, और उन गुणों का तोहफा जो तुमने अपनी संगत से सिखाए।
तुम वह इंसान थे जिसने हर मुश्किल को धैर्य और मुस्कान से सहा। तुम्हारी समझदारी ने हमारे घर को सोच-समझ कर चलने की ताकत दी, तुम्हारी मेहनत ने हमें सुरक्षित रखा, और तुम्हारे छोटे-छोटे मज़ाक ने रोजमर्रा की थकान को हल्का कर दिया। जब भी अँधेरा घिर आता, तुम एक दीप की तरह रोशनी ले आते — कभी सलाह देकर, कभी बड़ों की तरह संभाल कर, और हमेशा प्रेम से।
तुम्हारी अच्छाइयों के साथ-साथ तुम्हारे छोटे-छोटे कमियाँ भी मुझे इंसान होने का अहसास दिलाती रहीं — और यही तुम्हें और भी प्यारा बनाती थीं। तुमने कभी बड़े दावे नहीं किए, पर हर वादे को निभाया। तुमने सिखाया कि रिश्तों में वफ़ा ही सबसे बड़ा धर्म है। तुमने मेरे लिए, हमारे लिए, हर संभव सम्भव किया — बिना किसी शोर के, बिना किसी दिखावे के। यही तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत थी।
आज मेरा दिल भीड़-सा है — गम भी है और उन अनगिनत खुशियों का एहसान भी। मैं रोई हूँ, पर मैं तुम्हें दोषी नहीं ठहरा रही; क्योंकि तुम्हारे साथ बिताए हर एक पल ने मुझे जीना सिखाया। तुम्हारे जाने से जो ख़ालीपन आया है, उसे शब्दों में बाँधना मुश्किल है, पर मैं वादा करती हूँ कि तुम्हारी यादों को संजो कर रखूँगी और तुम्हारे आदर्शों को आगे बढ़ाऊँगी। तुम्हारी हँसी, तुम्हारी बातें, तुम्हारा सहारा — सब मेरे साथ जीते रहेंगे।
तुम्हारे जाने के बाद भी मैं आश्वस्त हूँ कि तुम जहां भी हो, तुम्हारी आत्मा को शांति है। मेरी प्राथनाएँ, मेरे आंसू और मेरी स्मृतियाँ सब तुम्हारे नाम। मैं शुक्रगुज़ार हूँ कि तुम मेरे जीवन साथी बने — मेरे समय, मेरे ख़्वाब और मेरी कमजोरियों के साथ। तुमने मुझे बेहतर बनाया, तुमने मुझे पूरा किया।
शेष जीवन मैं तुम्हारे साथ बिताए पलों को शब्दों में, किस्सों में, और हमारे बच्चों की आगे की राह में ज़िंदा रखूँगी। मेरी श्रद्धांजलि यही है — तुम्हारी आत्मा की शांति की कामना, और मेरे दिल में तुम्हारे लिए सदा प्रेम।
तुम्हारी पसंद की हर चीज़ को मैंने अपना लिया है, बिल्कुल तुम्हारी तरह।
हमेशा तुम्हारी,
तुम्हारी पत्नी
विनय कौशिक।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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