ग्राम चौपाल पार्ट 04 - जादू-टोना और अंधविश्वास (पार्ट 03 से आगे) - आलेख - वेदव्यास मिश्र
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आप सभी जानते ही हैं दोस्तों कि मास्साब का लोटा कितना अनमोल है !!
अन्तत: दिल्ली से आई हुई पैरानाॅर्मल इनवेस्टिगेशन टीम रात भर कई एंगल से के टू मीटर और अन्य आधुनिक वैज्ञानिक उपकरण की सहायता से ये खोजने का प्रयास किये कि गाँव बलमपुर के जिस बरगद पेड़ के नीचे से रात को लोटा गायब हुआ था, उसमें किसी भूत का तो कोई हाथ नहीं !!
मगर सुबह तक किसी भी प्रकार का कोई सिग्नल नहीं मिला !!
जैसे ही इनवेस्टिगेशन टीम ने सुबह-सुबह मास्साब को आश्वस्त किया कि डरने की बिलकुल भी कोई आवश्यकता नहीं है ।
अब इज़ाज़त दीजिये मास्साब !!हम लोग निकलते हैं वापस दिल्ली ।
मास्साब ने उन्हें भारी-भरकम धन राशि का चेक देते हुए उन सभी का आभार व्यक्त किया !!
जैसे ही इनवेस्टिगेशन टीम इजाज़त लेकर जाने ही वाली थी तभी..
उनकी बहू ज्योति लोटा लेकर आई और बताई कि घर में ही एक राशन के डिब्बे के पीछे ये लोटा पड़ा मिला !!
देखने से साफ-साफ लग रहा था कि ज्योति के तीन साल के नटखट और शरारती विप्लव का ही कमाल था ये !!
मास्साब लोटे को देखते ही भावुक होकर रोने लगे ।
वो रोते-रोते बोले जा रहे थे कि अगर ये लोटा न मिलता तो ऊपर जाकर अपने पूर्वजों को क्या मुँह दिखाता मैं !!
अन्तत: मास्साब फ्रेश हुए आज तीन दिन के बाद पहली बार ।
मगर सवाल अभी भी जस का तस वही था कि लोटा आखिर गायब कैसे हुआ उस रात !!
जिसका उत्तर अगले दिन के ग्राम चौपाल में गोलू ने दिया -
काका जी,
मुझे लगता है आपको कोई मतिभ्रम हुआ होगा !!
आप लोटा लेकर घर से निकले ही नहीं होंगे क्योंकि लोटा तो घर में ही था और इनवेस्टिगेशन टीम ने भी बताया है कि भूत जैसी कोई चीज है ही नहीं हमारे गाँव में !!
इसीलिए आपको भूतहा मूवी देखने के लिए मना भी करते हैं हम लोग..मगर आप हैं कि मानते ही नहीं है !!
ऐसा भी हो सकता है, रात को आप बरगद के पेड़ नीचे बैठे ही न हों..
गये ही न हों और आपने ऐसा कोई सपना देखा हो मात्र !!
और काका जी, बुरा मत मानियेगा ,
लोग साठ में सठिया जाते हैं तो हो सकता है आप सत्तर में सतिया गये हों !!
पूरे ग्राम चौपाल के सभी लोगों ने हँसते हुए गोलू के बातों से सहमति जताई और ताली बजाकर आभार भी व्यक्त किया गोलू के द्वारा अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए ।
मास्साब भी लगभग सहमत ही नज़र आये क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया कि आजकल वे सहीं में कई बातों को भूल जाते हैं या दिग्भ्रम के शिकार हो जाते हैं !!
शायद गोलू सही बोल रहा हो..उम्र का असर हो !
मास्साब ने आगे कहना जारी रखा ---
लोटा के बहाने ही सही, ये बात भी वैज्ञानिक ढंग से साबित हो ही चुकी है कि जादू-टोना और अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए हममें से हर किसी को एक क़दम ज़रूर आगे बढ़ाना चाहिए और बिना सोचे-समझे, बातों की सच्चाई जाने बिना अफवाहों को फैलाना भी नहीं चाहिए !
और, भूतहा फिल्में देखना मेरा कल से ही बंद ।
अब ठीक है न गोलू बेटा !!
सभी लोग पुन: हँसने लगे मास्साब का बचपना देखकर ।
यही स्वीकारोक्ति और बड़प्पन ही तो मास्साब को अपडेट करके रखा हुआ है आज भी ग्राम चौपाल में !!
चलिए,
पहली शिक्षा तो अवश्य ही मिलती है मास्साब से कि हमें अपनी गलती मानने में ज़रा सा भी अपमानित महसूस नहीं करनी चाहिए और दूसरी शिक्षा ये कि हमें अपने से उम्र में छोटे-बड़े, और सबकी बात बहुत ही ध्यान से सुननी चाहिए और सच लगे तो अमल में भी ज़रूर लाना चाहिए !!
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इसके अगले दिन के चौपाल में ज़रूर आइयेगा क्योंकि बेरोज़गारी दूर करने का एक शानदार हिट फार्मूला देने की वजह से छाये हुए हैं आजकल मास्साब !!
तो मिलते हैं दोस्तों,
ग्राम चौपाल के अगले अंक पार्ट 05 में.. !!
तब तक के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद आभार और प्यार एवं दुआओं भरा नमस्कार 🙏🙏
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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