New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

ग्राम चौपाल पार्ट 04 - जादू-टोना और अंधविश्वास- आलेख - विषय चर्चा- वेदव्यास मिश्र

ग्राम चौपाल पार्ट 04 - जादू-टोना और अंधविश्वास (पार्ट 03 से आगे) - आलेख - वेदव्यास मिश्र
----------------------------------------
आप सभी जानते ही हैं दोस्तों कि मास्साब का लोटा कितना अनमोल है !!

अन्तत: दिल्ली से आई हुई पैरानाॅर्मल इनवेस्टिगेशन टीम रात भर कई एंगल से के टू मीटर और अन्य आधुनिक वैज्ञानिक उपकरण की सहायता से ये खोजने का प्रयास किये कि गाँव बलमपुर के जिस बरगद पेड़ के नीचे से रात को लोटा गायब हुआ था, उसमें किसी भूत का तो कोई हाथ नहीं !!

मगर सुबह तक किसी भी प्रकार का कोई सिग्नल नहीं मिला !!

जैसे ही इनवेस्टिगेशन टीम ने सुबह-सुबह मास्साब को आश्वस्त किया कि डरने की बिलकुल भी कोई आवश्यकता नहीं है ।

अब इज़ाज़त दीजिये मास्साब !!हम लोग निकलते हैं वापस दिल्ली ।

मास्साब ने उन्हें भारी-भरकम धन राशि का चेक देते हुए उन सभी का आभार व्यक्त किया !!

जैसे ही इनवेस्टिगेशन टीम इजाज़त लेकर जाने ही वाली थी तभी..

उनकी बहू ज्योति लोटा लेकर आई और बताई कि घर में ही एक राशन के डिब्बे के पीछे ये लोटा पड़ा मिला !!

देखने से साफ-साफ लग रहा था कि ज्योति के तीन साल के नटखट और शरारती विप्लव का ही कमाल था ये !!

मास्साब लोटे को देखते ही भावुक होकर रोने लगे ।

वो रोते-रोते बोले जा रहे थे कि अगर ये लोटा न मिलता तो ऊपर जाकर अपने पूर्वजों को क्या मुँह दिखाता मैं !!

अन्तत: मास्साब फ्रेश हुए आज तीन दिन के बाद पहली बार ।

मगर सवाल अभी भी जस का तस वही था कि लोटा आखिर गायब कैसे हुआ उस रात !!

जिसका उत्तर अगले दिन के ग्राम चौपाल में गोलू ने दिया -

काका जी,
मुझे लगता है आपको कोई मतिभ्रम हुआ होगा !!

आप लोटा लेकर घर से निकले ही नहीं होंगे क्योंकि लोटा तो घर में ही था और इनवेस्टिगेशन टीम ने भी बताया है कि भूत जैसी कोई चीज है ही नहीं हमारे गाँव में !!

इसीलिए आपको भूतहा मूवी देखने के लिए मना भी करते हैं हम लोग..मगर आप हैं कि मानते ही नहीं है !!

ऐसा भी हो सकता है, रात को आप बरगद के पेड़ नीचे बैठे ही न हों..
गये ही न हों और आपने ऐसा कोई सपना देखा हो मात्र !!

और काका जी, बुरा मत मानियेगा ,
लोग साठ में सठिया जाते हैं तो हो सकता है आप सत्तर में सतिया गये हों !!

पूरे ग्राम चौपाल के सभी लोगों ने हँसते हुए गोलू के बातों से सहमति जताई और ताली बजाकर आभार भी व्यक्त किया गोलू के द्वारा अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए ।

मास्साब भी लगभग सहमत ही नज़र आये क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया कि आजकल वे सहीं में कई बातों को भूल जाते हैं या दिग्भ्रम के शिकार हो जाते हैं !!

शायद गोलू सही बोल रहा हो..उम्र का असर हो !
मास्साब ने आगे कहना जारी रखा ---
लोटा के बहाने ही सही, ये बात भी वैज्ञानिक ढंग से साबित हो ही चुकी है कि जादू-टोना और अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए हममें से हर किसी को एक क़दम ज़रूर आगे बढ़ाना चाहिए और बिना सोचे-समझे, बातों की सच्चाई जाने बिना अफवाहों को फैलाना भी नहीं चाहिए !

और, भूतहा फिल्में देखना मेरा कल से ही बंद ।
अब ठीक है न गोलू बेटा !!
सभी लोग पुन: हँसने लगे मास्साब का बचपना देखकर ।

यही स्वीकारोक्ति और बड़प्पन ही तो मास्साब को अपडेट करके रखा हुआ है आज भी ग्राम चौपाल में !!

चलिए,

पहली शिक्षा तो अवश्य ही मिलती है मास्साब से कि हमें अपनी गलती मानने में ज़रा सा भी अपमानित महसूस नहीं करनी चाहिए और दूसरी शिक्षा ये कि हमें अपने से उम्र में छोटे-बड़े, और सबकी बात बहुत ही ध्यान से सुननी चाहिए और सच लगे तो अमल में भी ज़रूर लाना चाहिए !!
-----
इसके अगले दिन के चौपाल में ज़रूर आइयेगा क्योंकि बेरोज़गारी दूर करने का एक शानदार हिट फार्मूला देने की वजह से छाये हुए हैं आजकल मास्साब !!

तो मिलते हैं दोस्तों,
ग्राम चौपाल के अगले अंक पार्ट 05 में.. !!

तब तक के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद आभार और प्यार एवं दुआओं भरा नमस्कार 🙏🙏


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

रमेश चंद्र said

अति उत्तम श्रीमान हमें भी एक बार Massab की ग्राम चौपाल में जाना ही पड़ेगा हमें भी फार्मूला चाहिए

वेदव्यास मिश्र said

रमेश चंद्र जी, बिलकुल स्वागत है श्रीमान आपका भी ग्राम चौपाल में !! आप अपनी कोई भी समस्या लेकर आइये..समाधान अवश्य मिलेगा !! पता है - आज के युग का लालबुझक्कड़- मास्साब (इस लाइन को लिफाफे के ऊपर मोटे अक्षरों में लिखें ) C/o वेदव्यास मिश्र बलमपुर , ग्राम चौपाल नदी जाने वाली गली पिन नम्बर- 22062024 बाकी पता आपको यहाँ आने के बाद दिया जायेगा !! यह पता अत्यन्त गोपनीय है !! आप हमारे खास लोगों में आते हैं इसलिए आपको पता बताया जा रहा है !! कृपया गोपनीयता का ध्यान रखें !! आपकी सारी जानकारी गोपनीय रखी जायेगी !! 😍😍😁😁😍😍

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam Shiksha ke sath sath Akhir Massab Ki pareshani door huyi, atyant harsh ka vishay hai, golu bhaiya ka aaj Massab ko koi bhi kathan katu nahi laga yah Uttam baat hai, sweekarokti Massab ka badappan hai ho na ho isi vajah se Massab charcha ka kendra rahte honge, mujhey golu bhaiya ki ek baat "लोग साठ में सठिया जाते हैं तो हो सकता है आप सत्तर में सतिया गये हों !!" Ne bahut hasaaya, aapne kalam ke sath bahut hi kamaal kiya hai.. Jay ho Massab ki, Jay ho gram chaupal ki,, aapke is ank ki pratiksha ne to lagbhag lagbhag Bahubali2 ya kahein Katappa ne bahubali ko kyu maara jesa mahaul bana diya tha,, uska parinam bhi akhir achha hua bahubali yaani Massab ko unka khoya hua Lota mil gaya... Bahut sundar raha yeh ank har tarah se... Pranaam sweekar karein 🙏🙏 Acharya ji agale ank ka avashya hi intzar rahega mujh berojgaar ko.

वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र जी, मालामाल कर दिया भाई आपके इस शानदार शिक्षा ने !! आप यकीन नहीं करेंगे भाई साहब, मैं इन मास्साब से मिला हूँ !! गोरा रंग, दुबला-पतला शरीर,बच्चों सी कोमलता,आवाज़ पतली, बुरा मानना..रियलाइज करना..गलत को गलत कहना..गलती हो जाये तो अगले ही पल तत्काल उसे स्वीकार कर लेना और तत्काल अमल में लाना !! इस सहज गुण के कारण मैं भी प्रभावित हुआ उनसे !! एक बार नित्य पीने वाला चाय का कप कहीं गुम हो गया..फिर क्या था..खाना-पीना बंद !! जब वह कप मिला तब जाकर उन्होंने चाय पिया फिर खाना खाया !! और भी बहुत कुछ..धीरे-धीरे सामने आयेगा !! बिलकुल सच है,अब ऐसे लोग दुर्लभ हो चुके हैं,जिन्हें बचाकर रखना ज़रूरी है !! नमन है ऐसे महान व्यक्तित्व को !! और..आपसे एक प्यारी सी अपील है मेरे तरफ से कि अगर आपको कहीं भी कुछ भी कमी लगे तो बेझिझक बताइयेगा ज़रूर !! शुभाशीष नमन आभार इस प्यारी सी उत्साहवर्धक बाहुबली😍 प्रतिक्रिया के लिए 💜💜

Vineet Garg said

इसको समझने के लिए तो इसके पहले के पार्ट पढ़ने पड़ेंगे पढ़कर आता हूँ

Priyanka said

Bahut shandaar hasya evam knowledge se bharpur part vastvikta,udaharan aur rachanatmkta ne achhi shrnkhala banayi hai 4 parts padhe samjhe pratikriyaien dekhi, ant me kul milakar pata chalta hai ki Gram chaupal to online is platform par bhi chal rahi hai, Uttam shrankhla Aapka lekhan bahut mazedar hai

वेदव्यास मिश्र said

Priyanka जी, आपकी उत्साहवर्धक एवं सटीक अभिव्यक्ति पाकर मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूँ कि आपने अपना कीमती व अनमोल समय मुझे प्रदान किया !! सममुच पूरे सम्मान के साथ कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ आपका !! सादर सप्रेम आभार पुन:च सधन्यवाद !! मैं इतना एनर्जेटिक महसूस कर रहा हूँ कि इस ग्राम चौपाल का अगला पार्ट अतिशीघ्र प्रस्तुत करूँगा !! आभार नमस्कार 🙏🙏💜💜🙏🙏

विषय चर्चा श्रेणी में अन्य रचनाऐं

लिखन्तु - ऑफिसियल

बाज़ारवाद - जगदर्शन सिंह बिष्ट

May 03, 2024 | विषय चर्चा | लिखन्तु - ऑफिसियल  | 👁 23,663



लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन