जब दिन ढलता है और रात आती है, उदासी भरी एक शाम मेरे पास आती है,
जब कोई न रहता क़रीब हर तरफ़ सन्नाटा पसरता है,
तब मां मेरी मुझे बहुत याद आती है..!
@कमलकांत घिरी ✍️
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जब कोई न रहता क़रीब हर तरफ़ सन्नाटा पसरता है,
तब मां मेरी मुझे बहुत याद आती है..!
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