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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

वाह - वाही

तुम्हारी वाह - वाही
हमे लिखने को मजबूर कर देती है,
और तुम्हारी आह हमे अपने जज़्बातों को
तुमसे जोड़ने को मजबूर कर देती है।
कई दफ़ा रख देते हैं हम कलम,
पर उसी वक्त तुम्हारी याद हमे कलम उठाने को
मजबूर कर देती है।

जब तुम तारीफ़ें नहीं लुटाते हो तो ये दिल
उदास हो जाता है,
जब तुम मेरी नज़्में नहीं पढ़ते हो तो ये दिल
निराश हो जाता है।
एक नज़र ही सही पर देख लिया करो तुम
मेरी नज़्मों को,
क्योंकि जब तुम इन्हें टाल जाते हो तो ये दिल
परेशान हो जाता है।

पढ़ भी लो मेरी नज़्मों को
तो कुछ तो जताया करो,
अच्छी लगे तो अच्छी और बुरी लगे तो
बुरी ही बताया करो।
यूं फ़क़त शीर्षक देख मेरी नज़्म का
उसे छोड़ा ना करो,
उसकी रूह को छूकर फिर भलेही
निकल जाया करो।

आपकी हौसला - अफ़जाई के
आदी हो गए हैं अब हम,
जिस दिन ना लुटाते वाह - वाही
उस दिन उखड़े - उखड़े से रहते हैं हम।
कभी वाह कहते हो कभी आह भरते हो,
लेकिन जिस दिन कुछ नहीं कहते
उस दिन बड़े उलझे - उलझे से रहते हैं हम।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Lekhram Yadav said

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। ऐसा कभी नहीं होगा कि हम आपकी कविता ना पढ़े और प्रतिक्रिया न दें।भाई बने हैं तो भाई का फर्ज भी निभाएंगे और आपकी पीठ भी थपथपाएंगे।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut shukriya bade bhaiyya apse yahi ummid hai

कमलकांत घिरी said

अहा! क्या खूब लिखा दीदी जी, आपकी कविताओं की जो रूह है न वो बड़ी ही नेक है और ऐसी रूह को छू कर निकला नहीं जाया करते उसे सीने से लगाया करते है... आफ़रीन बहुत ही उम्दा लिखा दीदी जी 🙏💯🙏।। प्रणाम।।🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाई मेरी कविता को सीने से लगाने के लिए 🙏

Komal Raju said

Asa lga jese kisi ne apne dil ka bahut hi bhola sa swaroop samne rkh dia rachna ke roop m. Bahut hi pyari h👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bilkul shi kaha komal ji apne🙏 बहुत बहुत शुक्रिया आपका

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