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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तुम्हें क्या पता कि इन गरीबों की दिक्कतें क्या-क्या होतीं हैं-ताज मोहम्मद

तुम्हें क्या पता कि इन गरीबों की दिक्कतें क्या-क्या होतीं हैं।
महसूस करके देखों उनकी आंखों में जिंदगियाँ जहां रोतीं हैं।।1।।

मत भूलाऔं उनकी कुर्बानियों को ऐ पैसे वाले अमीर इंसानों।
उनकी ही वजह से तुम्हारी जिंदगियाँ हर रात सुकूं से यहाँ सोतीं हैं।।2।।

यह आजमाइश है उनकी कि तू उनसे कुछ भी करा ले यहाँ।
बदलेगा नसीब उनका भी क्योंकि उनकी मांयें दुआओं में रोतीं हैं।।3।।

दिलों को तोड़कर पा लेता है इंसा इस दुनिया में तो सबकुछ।
सोचना कभी तुम्हारी खातिर इनकी जिंदगियाँ क्या क्या खोतीं हैं।।4।।

है आसान बहुत किसी की भी आंखों में यूँ तो अश्क ले आना।
तुम्हें क्या पता एक रोते हुए बच्चे की हंसी में खुशी क्या होती है।।5।।

मतलब की है यह दुनिया तू पहचान यहां अपने परायों को।
यह आंखें हैं एक मां की जो अपने बच्चों के लिए सदा रोतीं हैं।।6।।

मैंने देखा है कई जिंदगियों को यहां से वहाँ शहर-शहर भटकते हुए |
कोई तो पूछ लो उन गरीबों से कि दौलत की कमी क्या होती है।।8।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Amit Shrivastav said

Bahut hi umda lahaze me likhi gayi bhavuk rachna..

ताज मोहम्मद replied

शुक्रिया भाई जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत ही उम्दा ताज साहब यकीं मानिये आपका जबरा फैन होगया!!

ताज मोहम्मद replied

आपकी समीक्षा से ह्रदय प्रेम से भर जाता है। बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी।

कमलकांत घिरी said

वाह सर जी आपने गरीबी का मंजर सबकी आंखों में झलका दिया, लाज़वाब रचना👏👏

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी।

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