तुम्हें क्या पता कि इन गरीबों की दिक्कतें क्या-क्या होतीं हैं।
महसूस करके देखों उनकी आंखों में जिंदगियाँ जहां रोतीं हैं।।1।।
मत भूलाऔं उनकी कुर्बानियों को ऐ पैसे वाले अमीर इंसानों।
उनकी ही वजह से तुम्हारी जिंदगियाँ हर रात सुकूं से यहाँ सोतीं हैं।।2।।
यह आजमाइश है उनकी कि तू उनसे कुछ भी करा ले यहाँ।
बदलेगा नसीब उनका भी क्योंकि उनकी मांयें दुआओं में रोतीं हैं।।3।।
दिलों को तोड़कर पा लेता है इंसा इस दुनिया में तो सबकुछ।
सोचना कभी तुम्हारी खातिर इनकी जिंदगियाँ क्या क्या खोतीं हैं।।4।।
है आसान बहुत किसी की भी आंखों में यूँ तो अश्क ले आना।
तुम्हें क्या पता एक रोते हुए बच्चे की हंसी में खुशी क्या होती है।।5।।
मतलब की है यह दुनिया तू पहचान यहां अपने परायों को।
यह आंखें हैं एक मां की जो अपने बच्चों के लिए सदा रोतीं हैं।।6।।
मैंने देखा है कई जिंदगियों को यहां से वहाँ शहर-शहर भटकते हुए |
कोई तो पूछ लो उन गरीबों से कि दौलत की कमी क्या होती है।।8।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




