"ग़ज़ल"
तू दोनों जहाॅं को लूट सके वो बात छुपी है तिरी ऑंखों में!
शायद ये तुझे मालूम नहीं कायनात छुपी है तिरी ऑंखों में!!
महबूब मिरे तिरी ऑंखों से सुबह और शाम की गर्दिश है!
तिरी ऑंखों की बदौलत दिन निकले रात छुपी है तिरी ऑंखों में!!
तिरी इन झील-सी गहरी ऑंखों में डूब के उभरना मुश्किल है!
कोई तुझ से बिछड़ कर तो देखे बरसात छुपी है तिरी ऑंखों में!!
तू एक नज़र डाले तो सही इस जीवन में उजाला हो जाए!
दिल झूम उठे ऐसी खुशियों की बारात छुपी है तिरी ऑंखों में!!
तिरी ऑंखों को जब से देखा है 'परवेज़' नहीं है होश मुझे!
इक सच्ची मोहब्बत की दिलबर सौग़ात छुपी है तिरी ऑंखों में!!
- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad
The Meanings Of The Difficult Words:-
*कायनात = ब्रह्माण्ड (universe); *गर्दिश = चक्कर (revolution); *बदौलत = वजह से या कारण से (by means of); *सौग़ात = तोहफ़ा या उपहार (gift).

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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