यह है भीड का रैला, तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
और उसमें मैं अकेला तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
जिंदगी की राहों में जो बने हमसफर,
तूं ही आखिर तू पहला तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
महलों में रहने वाली, तेरे लिए मैने,
क्या क्या दुःख झेला तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
जब तुम ही नहीं तो भाए नहीं मुझे,
यह दुनिया का मेला तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
मैं मजनूं जो होता तो जंगलों में कहता,
ओ मेरी लैला ओ लैला, तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
कुछ यार पुरानों ने मुझको हॅंसाना चाहा,
यह पगला मन नहीं बहला तुझे ढूॅंढूं कहाॅं ?
© छगन सिंह जेरठी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




