भ्रष्टाचारी और लुटेरों की, हो गई सांठ-गांठ।
छल कपटी और पापी,
कर रहे ताक- झांक।
जहाज में अपने ही कर रहे छेद,
धर इल्जाम एक- दूसरे पर।
साजिशों का बुन रहे जाल,
लूटे हुए माल का बंटवारा होगा।
उसी जहाज पर एक मीटिंग है,
मगर ये क्या ऐ!"विख्यात"
जहाज हो गया डांवांडोल।
बीच समुद्र में बचाओ बचाओ चिल्ला रहे,
एक-एक करके काल के गर्त में समाय रहे।