जीवन की अंतिम यही कहानी है,
सबकुछ पानी पानी है।।
ना फिर से कोई जवानी आनी जानी है,
आंखों में छलकता रहेगा बुढ़ापे का पानी है,
आज के लिए ही जिओ सिर्फ आज की ही कहानी है,
बाकी जो बचें वो वक्त की मेहरबानी है,
बाकी सबकुछ पानी पानी है।।
- ललित दाधीच।।