मासूम सा चेहरा,
प्यारी सी मुस्कान,
दिल की धड़कन,
वो है मेरी जान।
छोटा सा हाथ और,
छोटी-2 अंगुलियाँ,
करता है गुदगुदी,
उसकी शैतानियाँ।
उसकी तुतली जबान,
और उसकी बातें,
उसके साथ मस्ती,
सीने पर सुलाई रातें।
उतर जाती उसे देख,
शाम को थकावट,
दौड़ने लगता है वो,
पा कर मेरी आहट।
मेरे साथ नहाना,
खाना और सोना,
जाते देख कर मुझे,
उसका बिलख के रोना।
मुझसे लड़ कर,
मुझे मनाता है,
जितना मैं प्यार करता,
वो भी उतना जताता है।
उसकी दंतुरित मुस्कान,
लुटती हृदय और मन,
उसके साथ खेलते,
लौट आता है बचपन।
हर पिता के लिए,
यह क्षण अद्भुत होता है,
जिसने इसे जिया नहीं,
वो जीवन भर रोता है।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




