अगर टूट भी जाए दिल कोई बादल नही फटता।
सपनों में डूबे रहते हम उनका सपना नही हटता।।
मायने मोहब्बत के सिर्फ सपनों की दुनिया तक।
सच तो यह कि दर्द-ए-एहसास दिल से नही हटता।।
तसल्ली इतनी दे सकता ग़म-ए-दिल को अजनबी।
मुझ से पूछे अजनबी कह दूँ फासला नही हटता।।
मुझ से हँसी लेकर बाँटता फिरता ज़माने भर को।
खुशी तो बंट जाती 'उपदेश' मेरा बोझ नही हटता।।
कसमे वायदे सब करते हैं रिश्तों की आड़ लेकर।
रात तो काट लेता हूँ जैसे तैसे अँधेरा नही हटता।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद