📚पुस्तक 📚
विद्या दायिनी पुस्तक मै कहलातीं हूं
इस विश्व का ज्ञान सार मैं हूं
विज्ञान का सार भी मैं हूं
हर अविष्कार की जननी
पुस्तक मै कहलातीं हूं
बालक वृद्ध सब मुझसे
ज्ञानप्राप्त कर ज्ञानी कहलाते
निज चरित्र मान मर्यादा
का पाठ पढ़ाती
पुस्तक मैं कहलातीं हूं
दस विधाओं का ज्ञान कराती
मानव को महामानव बनातीं मैं
कर्म प्रकाशिनी पुस्तक कहलातीं हूं
मुझे प्राप्त किए बिना मानव
नहीं हो सकता महामानवता को
प्राप्त ना हो सकता है
समाज का निर्माण इस हेतु
मानव समाज की निर्मात्री
पुस्तक में कहलातीं हूं
मौलिक रचना
✍️#अर्पिता पांडेय