पिया तोसे नैना लागे।।
पिया तोसे नैना लागे,
पिया तोसे नैना लागे,
मन मोर बन कर नाचतो रे,
मन मोर बन कर नाचतो रे,
बादलों से रैना मांगे,
हिवड़ा में जो आग लागे,
पिया तोसे नैना लागे।।१.।।
मन धूप बनकर छांव मांगे,
मन धूप बनकर छांव मांगे,
राख भी जो राम मांगे,
पिया तोसे नैना लागे।।२.।।
मन लाज बनकर सर से भागे,
मन भी देखो तन से भागे,
पिया तोसे नैना लागे।।३.।।
मन नींद बनकर सपने मांगे,
मन नींद बनकर सपने मांगे,
जागतो यो साधु मांगे,
पिया तोसे नैना लागे।।४.।।
मन रेत बनकर पानी मांगे,
मन रेत बनकर पानी मांगे,
चलतो चलतो यो राहत मांगे,
पिया तोसे नैना लागे।।५.।।
मन सीप बनकर मोती मांगे,
मन सीप बनकर मोती मांगे,
पलकों में छिपे आंसू जागे,
पिया तोसे नैना लागे।।६.।।
मन श्याम बनकर तुलसी मांगे,
मन श्याम बनकर तुलसी मांगे,
प्रेम रूपी जो जुड़ते धागे,
पिया तोसे नैना लागे।।७.।।
मन साखी बनकर प्याला मांगे,
मन साखी बनकर प्याला मांगे,
मद में चूर ये हाला नाचे,
पिया तोसे नैना लागे।।८.।।
मन मीत बनकर प्रीत मांगे,
मन मीत बनकर प्रीत मांगे,
मन से मन का रिश्ता जागे,
पिया तोसे नैना लागे।।९.।।
मन मुरली बनकर राधा मांगे,
मन मुरली बनकर राधा मांगे,
सांवरो बिन रतिया भागे ,
पिया तोसे नैना लागे।।१०.।।
मन भंवरा बनकर फूल मांगे,
मन भंवरा बनकर फूल मांगे,
फल को देख जो कर्म जो भागे,
पिया तोसे नैना लागे।।११.।।
पिया बिन कैसे नैना जागे,
पिया बिन कैसे नैना जागे,
कांटे बनकर चुभते प्रेम धागे,
पिया तोसे नैना लागे।।१२.।।
मन बेहोश होकर होश मांगे,
मन बेहोश होकर होश मांगे,
मदहोश होती यो धरा जो लागे,
पिया तोसे नैना लागे।।१३.।।
तन के वन में मन न लागे,
पिया न हो तो कैसे प्राण त्यागे,
पिया तोसे नैना लागे।।१४.।।
अब थारा बिन नैना न लागे ,
अब थारा बिन नैना न लागे,
काल पकड़ रो आत्म धागे,
पिया तोसे नैना लागे।।१५.।।
- ललित दाधीच।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




