सौभाग्य हुआ इस देश को,
जिस देश में वे जन्म लिये।
त्याग बलिदान के साथ,
इतिहास लिखे वे रक्तो से।
मार्तभूमि के लिए ही,
छोड़े अपना घर परिवार।
खुद को करने कुर्बान देश को,
चढ़ गए वे फांसी के फंदों पर।
भले अपनाए थे वे मार्ग हिंसा के,
यही केवल दोष था उनका।
इंकलाब का नारा देकर,
क्रांति फैलाए थे जवानों में।
घटी थी जलियांवाला कांड,
आंखों के सामने उनके।
धड़क उठी थी,आग सीने में
तब कूद चले आजादी की लड़ाई में ।
नही थे थमने-हारने वाले वे,
नही डरे थे फांसी के फंदों से।
धूल चटाए थे गोरों को,
फिर झूल गए फांसी के फंदों से।
सुन जिस वीर की कथा,
धड़क उठती है जिंगरी दिल में।
नाम जिनका लेता हूं,
वो नाम शाहिद भगत सिंह कहलाता हैं।2
💪इंकलाब जिंदाबाद 👈
~S.KABIRA