ना चाहिए बस एक तेरे सिवा
तू मिल गया तो सारा जहां मिल गया।
अक्सर लोग पूछतें हैं
की दिल तेरा है कहां खोया हुआ
लगता तू रहता है हर पल धुआं धुआं
कभी यादों के परदे से उलटकर
देख तो ले
सिलवटों को अपनी मोड तो ले
क्यूं जल रहा उसके लिए जो चला गया
महरूम जवां दिल को तुम से दूर कर के गया...
तू तो काबिल था तू तो शामिल था
जीवन की हर राह पर...तो ...
फिर तू क्यों बैठ गया सबकुछ त्याग कर
अरे मेरे दोस्त ...मंजिलें अभी और भी हैं
मोहब्बतें अभी और भी हैं
मोहब्बत के आसमानों में
आशियानें कईं और भी हैं..
बन कर पंछी उन्मुक्त गगन के
उड़ानें अभी और भी हैं
मोहब्बत के दास्तानें अभी
और भी हैं...
मोहब्बत के दास्तानें अभी और भी हैं...