मेरी हस्ती को मान दे देते,
काश तुम मुझको जान दे देते।
दिल को मिलती ज़रा तसल्ली भी,
कुछ तो बाकी निशान दे देते।
बिजलियाँ टूटने से पहले तुम,
दिल को कुछ आसमान दे देते।
हमने चाहा था सिर्फ़ तुमको ही,
तुम भी चाहत को शान दे देते।
रौंदते क्यूँ वजह बिना उसको,
सोच को कुछ उड़ान दे देते।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
पैरवी मेरी खूब हो जाती,
तुम अगर एक बयान दे देते।
शाद रह जाते दर्द के काबिल,
वो जो जाते तो जान दे देते।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद