जीवन की आपाधापी में संग तुम्हारा पाकर।
धन्य हो गया मेरा जीवन साथ तुम्हारा पाकर।।
गम आये थे जीवन में हुए विसर्जित चुपके से।
ख़ुशियाँ बेशुमार पाई मैंने साथ तुम्हारा पाकर।।
मेरी बात समझने वाला शायद कोई नही रहा।
बिन बोले ही इच्छाएँ पूरी साथ तुम्हारा पाकर।।
चेहरे पर मुस्कान रहे अन्दर शीतल पवन चले।
हुआ मधुर सफर 'उपदेश' साथ तुम्हारा पाकर।।