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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

लोगों की फितरत

कैसी फितरत है ना लोगों की
कि जब कोई इंसान ज़िंदा होता है तब तो उसे
तवज्जो देते नहीं,
और मर जाता है जब वो तो उसकी तस्वीर को
बहुत संभाल के रखते हैं।
जब इंसान ज़िंदा होता है तब तो उसे तन्हा
कर देते हैं,
और उसके मरने के बाद उसे वापस पाने की
मन्नते करते हैं।
ये कैसी फितरत है......

कैसी फितरत है ना लोगों की
कि जब इंसान ज़िंदा होता है तो किसी ना किसी
वजह से वो सब की आंखों में खटकता रहता है,
और जब वो मर जाता है तो फिर
उसकी जुदाई में अश्क़ बहाते हैं।
जब इंसान ज़िंदा होता है तो
उसकी बुराईयाॅं गिनाते रहते हैं फिर चाहे उसने
कितना ही अच्छा काम किया हो,
लेकिन जब छोड़ जाता है वो दुनिया तो फिर
उसकी तारीफ़ों के पुल बांधते हैं।
ये कैसी फितरत है......

🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात सहित नमस्कार मेरी प्यारी बहना, इन्सान की फितरत में लकीर पीटना है, इसीलिए ऐसा करता है, जिन्दा रहते तो कुछ किया नहीं पर मरने के बाद सहानुभूति के दो शब्द जरूर कह देते हैं।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya 🙏

श्रेयसी said

Aur ye baat Marne waale bhi jab jindaa rahte hain tab nahi samjhten hain😂😂 bahut sachhi rachna 👌👌🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ye bhi shi hai 🙏🙏🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut Sach bayan kiya mam Jinda Insaan ko Maarne ke liye Aatur hai Jahan aur jo Gujar jaata hai uske liye aisa jataate hain ki bas isko nahi jaana chahiye tha chahe beshak man hi man dua kar rahe ho shukar hai chala gaya...Bahut hi tarkik dhang se aapne duniya ke dhong ko prastuti kiya hai...Saadar Pranam Namskaar 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut shukriya apka 🙏🙏🙏 pranaam

वन्दना सूद said

सच्चाई बयान की आपने 🙏🙏बहुत सुन्दर लिखा

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका

Sanjay Srivastva said

सही तथ्यों का मूल्यांकन किया आपने, लाजवाब रीना जी 👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Abhar bhaisahab apka

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