🐦कोकिला 🐦
रंग से दिखती कारी कारी
और लाल है आंखें तुम्हारी
है आवाज सुरीली न्यारी
लगतीं ज्यों सात सुरों लड़ी प्यारी
प्रकृति की गायिका अनोखी
बसन्त है आया सबको बताती
स्नेह का संगीत सुनाती
गली गली बगिया बगिया
पंख फैलाए उड़ती जाती
अपने मधुर संगीत से सबके
मन को हर्षाती इतराती
प्रेमी मन को हो लुभाती
प्रेम का तुम संगीत सुनाती
हे खग कोकिला हो तुम कहलातीं
कोकिला हो तुम कहलातीं
✍️# अर्पिता पांडेय