हम आपके ख्यालों में खोए-खोए सो गए
फिर देखा सपना हम आपके हीं हो गए
तेज हवाओं में उड़ रहा था आँचल मेरा साथ मैं भी
उड़ कर पहुंँचे आपके पास ख़्वाब पलकों पर संजो गए
आप आओगे दफ्तर से मैं करुंँगी इंतज़ार
फिर वही चाय संग लूडो यादों की लड़ियांँ पिरो गए
आँखें खुली सब देखकर हैरत हुई बहुत
यहांँ सब वीरान था हँस दिवास्वप्न में खो गए