चलो उनके लिए कुछ लिखते हैं,
चलो उनके लिए कुछ लिखते हैं,
इश्क के बाजार में दिल अपना लिए जो बिकते हैं,
चलो उनके लिए कुछ लिखते हैं,
मासूम सी जिसकी सूरत है,
चेहरे पे जिसका चेहरा है,
फिर भी बनावट की सूरत पे
घुंघट लिए जो दिखते हैं,
चलो उनके लिए कुछ लिखते हैं।
#कमलकांत घिरी