आसमान में छाये बादल लगते नाराज।
दिल की ख्वाहिश बरसे झूम के आज।।
थमी हवा ने बताया फ़ासला घटाओ का।
हुनर मेरे पास चमत्कार न करुँगी आज।।
मिलों तुम प्यार से दीवानी हो जाऊँगी मैं।
बदन में गुदगुदी उठीं सह न पाऊँगी आज।।
उथल-पुथल रोकने का तरीका 'उपदेश'।
करीब जरा आओ तभी बताऊँगी आज।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद