अनजाना एहसास
तुझसे कभी मिली नहीं
फिर भी तू अपनी सी लगती है
तुझे कभी देखा भी नहीं
फिर भी जानी पहचानी सी लगती है
तुझसे अक्सर लोगों की बातों में मिलते रहे
फिर भी नजाने क्यों ?
कोई एहसास पुराना लगती है
न जाने क्यों ?
मेरे शहर से दूर जाने की ख़बर से मेरी आँखें भी नम हो गई हैं
एक अनजाना कैसे अपना लगने लगा
सोच कर मन में बेचैनी सी होती है ..
वन्दना सूद