आप आये हो ज़ेहन में फिर अभी,
उम्मीदें हो जगाये मुझमें फिर अभी !
दिल नहीं है सोना या चाँदी सनम,
इसने तुमको फिर पुकारा है अभी !!
क्यूँ ये चेहरा आपका भूलता नहीं,
इस जहाँ में और क्यों जंचता नहीं !!
है जवाब कि मिलके भी करेंगे क्या,
पर ये दिल थकता नहीं है क्यूँ कभी !!
चाँदनी रातों में आये हो जब कभी,
रोकना खुद को हुआ मुश्किल बहोत !!
रात रानी ने कहा रूकना ज़रा,
ले तो लूँ खुशबू दे पाऊँगी तभी !!
सर्वाधिकार अधीन है