ये दुनिया एक पल में बिखर जाएगा,
जब होंगे हम एक दूसरे से दूर,
ये दिल मेरा पत्थर बन जाएगा,
इसकी एक वज़ह रहेगी,
बस सोचती रहती हूँ हर पल
वो आखिरी मुलाक़ात कैसी रहेगी...।।
बिताए हैं जो पल हमने साथ में,
कभी रोए हैं और कभी मुस्कुराए हैं,
कई लोग से मिलने के बाद भी,
हम उनसे दिल लगाए हैं,
दो इंसान मगर एक जान रहेगी,
बस सोचती रहती हूँ हर पल
वो आखिरी मुलाक़ात कैसी रहेगी...।।
मैं अब तुमसे बिछड़ने के कगार में हूँ,
तुझसे दूर होने के आखिरी पड़ाव में हूँ,
गुम रह गई सब दुनियादारी,
आंखों में हमेशा तेरी तस्वीर रहेगी,
बस सोचती रहती हूँ हर पल
वो आखिरी मुलाक़ात कैसी रहेगी...।।
- सुप्रिया साहू


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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