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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अल्फाज़

Jun 26, 2024 | डायरी | वन्दना सूद  |  👁 805,078

कहे पंछी थोड़ा सब्र कर ले ,
अगर तू ठान ले तो गमों में भी ठिकाना ख़ुशियों का ढूँढ ले ॥
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

डायरी लफ़्ज़ों की कुछ मेरी कुछ तुम्हारी !! प्रणाम

वन्दना सूद replied

प्रणाम🙏

Ankush Gupta said

Bahut sundar abhivyakti

वन्दना सूद replied

Shukriya 🙏😊

कमलकांत घिरी said

वाह गहरी बात है इसमें 🙏👏👏

वन्दना सूद replied

Ji sir 😊

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! बिल्कुल सही 🙏👌👌

वन्दना सूद replied

😊😊

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