सादगी से छल करने वालों,
आरोप किसी पर धरने वालों,
दूसरों को धमकी दे कर,
उनका अधिकार हरने वालों,
करके ये काम, हो आराम से,
तो तुम्हारी जय हो।
दाने-दाने को तरसाने वालों,
घृणा की आग बरसाने वालों,
छीन कर दूसरों की खुशियाँ,
लाचारों को उकसाने वालों,
रह पाते हो ऐशोआराम से,
तो तुम्हारी जय हो।
दूसरों के दुःख में नाचने वालों,
पर पीड़ा हँस कर बाँचने वालों,
किसी की योग्यता को,
अपने नियमों से जाँचने वालों,
कर ऐसा जीते हो एहतराम से,
तो तुम्हारी जय हो।
भूखों को भूख से मारने वालों,
उनमें रोटी का सपना पालने वालों,
भूख से अकड़ती अंतड़ियों पर,
नुमाइश का दाना डालने वालों,
खा रहे अगर उनका, हराम से,
तो तुम्हारी जय हो।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




