तेरी अटल प्रतिज्ञा जो अटल जी के लिए,
2 से 303 का सफर राष्ट्र हित के लिए,
देखे हैं कई युग पुरुष ना देखा तुझसा,
तेरा हर खून का कतरा इस मातृभूमि के लिए,
ना कर पाया कोई जो तूने किया,
तेरा हर एक लमहा राष्ट्रहित के लिए,
500 सालों का कलंक मिट गया अब,
तेरा हर एक बूँद पसीना इस कर्मभूमि के लिए,
भारत का पारीचम अब दुनिया में लहराने लगा,
मेरा नमन है तुझको फिर से भारत को भारत बनाने के लिए,
भारत बनाने के लिए......
सर्वाधिकार अधीन है