ऐ हसीना
नाज़नीना
तू कहां से
आई है।
हवाओं में
खुशबू
सब ओर
तेरी जुस्तजू
फिज़ाओं में
घुली मिस्री
रंग आंचल का
धानी केसरी
बहारों की
रंगत
लाई है।
ऐ हसीना
नाज़नीना
तू कहां से
आई है...
देख के
तुझको
दिल डोला।
लव यू
लव यू
दिल मेरा
बोला।
मुझमें
सिर्फ़
तेरी फितूर
समाई है।
बेखुदी इस क़दर
छाई
की बंजारापन
दीवानापन
मस्तानापन
हर रंगत में
समाई है।
ऐ हसीना
नाज़नीना
तू कहां से आई है।
फूलों में रंगत
दिलों में संगत
सब पर
खुमारी छाई है
ऐ हसीना नाजनीना
तू कहां से आई है
फिज़ाओं में रंगत
समाई है..
तू कहां से आई है....
तू कहां से आई है...