तुम्हारी झलक पाने को नजर चाहिए।
हो सके संग साथ ऐसा सफर चाहिए।।
प्यार की छत और दीवारें एहसास की।
काम चला लूँगी मुकम्मल घर चाहिए।।
कितने दिन गुज़रे बढ़ाई बेचैनी दिल की।
अब जो उधर चाहिए वही इधर चाहिए।।
हवा पानी बदल कर देख लिया 'उपदेश'।
अब तो मेहरबान दिल का नगर चाहिए।।
उम्मीदों के मंजर पूरे करने की तमन्ना।
अब तो रूबरू बात हो असर चाहिए।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




