किसी से नैन, लड़ा के आया है,
लगता है थोड़ी चढ़ा के आया है।
उसे देख कर यही कहते हैं सब,
जिस तरह, लड़खड़ा के आया है।
कह रहा दो नैनों के प्याले पीया,
फिर क्यों यूँ हड़बड़ा के आया है।
अजीब-सा तो कुछ बड़बड़ा रहा,
जाने क्या पढ़-पढ़ा के आया है?
🖊️सुभाष कुमार यादव