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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कोई दर्द नहीं दुनियां में

कापीराइट गीत

कोई दर्द नहीं दुनियां में जो तुम बता न सको
कोई मर्ज नहीं है ऐसा जो तुम बता न सको

गम बांटने से यह दिल, हो जाता है हल्का
खबर कहां है किसीको ये अगले ही पल का
ऐसा राज नहीं है ऐसा जो तुम बता न सको
कोई दर्द नहीं --------------

एक दिन तो आपको यह बताना ही होगा
ईलाज के लिए तुमको तो जाना ही होगा
कोई निजाम नहीं ऐसा जो अपना न सको
कोई दर्द नहीं ---------------

कुछ तो हमें बताओ क्यों नहीं कहती हो
इतना होने के बाद भी तुम अपना कहती हो
ऐसा क्या गम है तुमको जो तुम बता न सको
कोई दर्द नहीं ----------------

कह दो वो बात सारी जो गम देती है तुझे
वो कौन सी बात है अक्सर रूला देती है तुझे
ऐसी तकलीफ है क्या जो तुम बता न सको
कोई दर्द नहीं ------------‐--

बताते नहीं हो कुछ भी क्यूं ये गम सहती हो
क्यूं नासाज हो इतनी, क्यूं दर्द में रहती हो
कोई बीमारी नहीं ऐसी जो तुम बता न सको
कोई दर्द नहीं ----------------

खत्म होगा नहीं कभी ये गम आपका बहना
बता दो गम अपना या मुझे भैय्या न कहना
कोई मदद नहीं ऐसी, जो तुम पा न सको
कोई दर्द नहीं ---------------

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर रचना। सच कहा आपने दर्द बाँटने से कम हो जाता है। नमस्कार🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सुभाष जी🙏🙏।

श्रेयसी said

बिल्कुल सही लिखा आपने काश सबको समझ आ जाए। सुप्रभात, सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

मेरी प्यारी बहना मेरी ये बात रीना जी तक भी पहुंचा दो तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। आपको धन्यवाद सहित सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

मेरी बात भी सिर्फ लिखन्तु पर हीं होती है

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मेरी प्यारी बहना।

श्रेयसी said

वो जरूर पढ़ेंगी आप चिंता ना करें।

Lekhram Yadav replied

ठीक है हम वेट करते हैं, फिर देखते हैं। थैंक्स विद पॉजिटिव रिस्पांस।

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar, par ye to mujhe dharm sankat mein daal diya bhaisahab, bata do gam ya fir bhiyya na Kahn... Ohh no!!

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

Hume khud kuch maalum nhi Bas ye samajh lijiye ki jab aap lambe time se physicaly thik na ho or jis wajah se aadhe mentaly bhi disturb ho or fir aaspaas ka mahoul bhi gadbada jaye to.... Ab aap samajh gaye honge

Lekhram Yadav replied

सारी मेरी प्यारी बहना, जब तक साफ साफ नहीं बताएगी तब तक हमारी समझ में कुछ नहीं आएगा। दूसरी बात स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है और यदि शरीर ही स्वस्थ न हो तो उससे बड़ा संकट कोई नहीं होत, आप किस धर्म संकट की बात कर रही हो। आज ही आप किसी सरकारी या निजी अस्पताल में जाएं और डाक्टर से जांच करवा कर हमें बताएं कि क्या हुआ है। खुद को ठीक रखेंगे तभी तो आसपास वालों से बात करेंगे, और लोगों का क्या है वो तो कुछ न कुछ कहते ही रहते हैं। वादा करो आप डाक्टर के पास जरूर जाएंगी और अपना चैकअप कराएंगे।

रीना कुमारी प्रजापत said

😀😀वादा करने की जरूरत ही नहीं,फ़िक्र मत कीजिए सारे checkup हो चुके हैं और अक्सर होते ही रहते हैं अभी भी report normal है और हमेशा normal ही रहती हैं दवाइयां तो हम ऐसे खाते हैं जैसे खाना खाते है दवाइयों से ही पेट भर जाता है.... 😊😊

Lekhram Yadav replied

आप अपने डाक्टर के लिखे पर्चे की कापी हमें ईमेल कर दीजिए, ताकि हम समझ सकें कि आप किस रोग या समस्या से पीडित हैं।

वन्दना सूद said

बता दो गम अपना या मुझे भैय्या न कहना😊👌👌भाई ने हाथ थामने के लिए हाथ बढ़ाया है अब न कहना बहन पराई है

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित आपको सादर नमस्कार वन्दना जी।

कमलकांत घिरी said

वाह बिल्कुल उचित और सार्थक कविता लिखे हैं सर जी🙏बहुत सुंदर 👌🙏 प्रणाम

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार कमलकांत भाई।

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