प्यासा के ग़ज़ल
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
कुदरत से जो सीख मिले हैं अच्छे हैं।
मौत की काली रातों से न डर जाना,
आना जाना दुनिया से है अच्छे हैं।
फिर वही बात बच्चों वाली नादानी,
बनते -बनते कुछ टूटते हैं अच्छे हैं।
प्यार तुम्हारा और हमारी बदनामी
जग के यही विधान बने हैं अच्छे हैं।
सब ही जाने यहां सभी कुछ जग वाले
फिर भी रोते दिन कटे हैं अच्छे हैं।
-- ' प्यासा '
विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
करपलिया,
सिवान। (बिहार)

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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