अगर आपकी खामोशी मैं हर सका,
तब समझूँगा कि मैं कुछ कर सका।
मेरे पास क्या है कुछ गीत, ग़ज़लें,
इनके सिवा मैं क्या जमा कर सका।
शब्द, अर्थ, भाव और विचार ही हैं,
जो भी कर सका इन्हीं से कर सका।
जब कोई इसे पढ़े और हो जाए खुश,
तब लगेगा कि हाँ मैं कुछ कर सका।
🖊️सुभाष कुमार यादव