क्या हो अगर सभी धर्म डर जाय एक दुसरे से,
क्या हो अगर सभी धर्म नफरत करे एक दुसरे से,
क्या हो अगर सारे धर्म मानवता छोड़ दे एक दुसरे से
क्या हो अगर दिलों में नफरत ज़ाग जाय एक दुसरे से ,
कौन बचेगा, करेगा कौन राज, पूछो तो सही एक दुसरे से
उठो आत्मा के स्तर तक देखो कोन भिन्न है एक दुसरे से
कौन लेता है भिन्न भिन्न गर्मी सूरज की धुप एक दुसरे से
आती जाती साँस कितनी भिन्न है हवा से एक दुसरे से
तुम्हारा होना आया किस किस के काम कहो एक दुसरे से
हर दिल में छिपी है मानवता, करो प्रेम एक दुसरे से
है छिपा अन्नंत खजाना मानवता का सब में
बस छिपा रखा है हमने सिर्फ एक दुसरे से
बुरे नहीं है हम बुरे नहीं हो तुम बस डरे है हम
बस डरे हुए है हम अनजाने में एक दुसरे से

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




