घनी पलक की छाँव में बेटियाँ पलती।
आँख की पुतली की तरह सहेजी जाती।।
ज़माना गिद्धों की छाया ओढ़े निहारता।
इसीलिए ज़ख्म की तरह देखभाल होती।।
चेहरे पर दर्द ना आने देती सहन करती।
भेदभाव समझने लगती उफ नही करती।।
पढ़ाई के रास्ते में सब कुछ सीख जाती।
नौकरी की आड़ में अंगारों पर गुज़रती।।
गुड़िया की तरह खुद की ख्वाहिशें गढ़ी।
सर्व गुण संपन्न सा 'उपदेश' गुड्डा चाहती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




