माँ एक शब्द नहीं है
माँ एक सम्बोधन नहीं है
माँ सिर्फ एक पात्र नहीं है
ममता का पूरा सागर है माँ
बच्चे की पूरी दुनिया है माँ
पृथ्वी का आधार है माँ
जीवन का पूरा सार है माँ
बहती हुई नदी सा प्यार है माँ
गुस्सा करती है,नाराज़ होती है,रूठती भी है
लकिन बर्फ सी पिघल जाए ऐसी है माँ
हँसी में छुपे हुए मन को
बोलने की तुतलाहट को
बच्चे की आहट को जानती है माँ
माँ एक शब्द नहीं होती
सच मे पूरी दुनिया होती है माँ....